Friday, May 27, 2022

How does Chocolate taste on Everest

 


If someone asks you , “ what is the greatest thing you want to do in your life?”. Few will say having a big house or a latest speedy sports-car or a plush foreign vacation. Few will like to settle down in one of the developed countries . Few will settle down with big roles in their respective departments. But giants will say scaling Everest is the greatest thing they want to do in their life. And greatest of them can dream for it without having their eyes. Yes, it has not only been dreamt but have been achieved by the three great dreamers so far.


Erik Weihenmayer , an American athlete and the first blind to scale Everest will be celebrating 21 years of it on 25th May 2022.While reading an interesting book,’ How does chocolate taste on Everest “ to my son, I came to know of Erik and his great achievement. The different stages of Everest climbing come with different levels of difficulties where oxygen level is very low, your taste buds are gone at that altitude, whereas there are few crevices where you have to climb through wobbly suspended ladders. Imagining such scenarios itself can shake many strong will powered people and how about a person who can not see what is he climbing up to or what he has just climbed. A slip and you are thousands of kilometres


 down.


When Erik returned to base camp after scaling Everest , his team leader said a very interesting line. “Don’t make Everest the greatest thing you ever do”. Erik could not understand the motive of the quote at that time but he realised it after reaching USA. And he went up to complete all the seven summits of the seven continents and also did more than 400 kilometres of Kayaking in one of the most dangerous white water in Grand Canyon. He wrote three books and is working to help and inspire people with or without disabilities.


The story of Erik has rocked my mind and crossed many times since I read about him. If anyone becomes hopeless and have no courage to achieve his/her target, just think about Erik and his journey and chin up.

If you have courage to dream , you have hope to achieve it.

Friday, April 8, 2022

चाटना

 चाटना

ये एक ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग हिंदी साहित्य में सामान्यता नहीं होता है | पर ये बड़ा ही मज़ेदार और असरदार शब्द है | ऐसा कौन होगा जिसे आइसक्रीम , लॉलीपॉप या चटनी चाटना पसंद नहीं होगा | आप अगर किसीको ऐसा करते देखते हैं तो आपको भी चाटने का मन करता है | आधुनिक युग में इस शब्द का प्रयोग एक और प्रक्रिया की तरफ इंगित करता है | इसका साहित्यिक शब्द है 'खुशामद ' करना और कई मौकों पर अत्याधिक 'खुशामद ' करना | आज के युग में चाटना और चटाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया बन चूका है | यह छेत्र ,जात ,धर्म से उप्पर जा चूका है | इंसान को अपने निजी स्वार्थ और उसकी प्राप्ति के लिए 'चाटना ' सबसे कारगर साधन दिखता है | हाँ, इसके कुछ अपवाद भी रहे हैं जब अदद 'चाटने ' के बावजूद भी इंसान चूक जाता है | कई बार होता ये है की चाटने वाला इंसान 'सही' इंसान को परखने में भूल कर जाता है और गलत आदमी को चाटने के कारण उसका काम लटक जाता है | खैर चाटना भी एक कला है और ये अनुभव से और भी निखर के आता है | कुछ लोग स्वाभाविक रूप से इस कला में पारंगत होते हैं , ख़ासकर वो जिनके अंदर और कोई प्रतिभा नहीं होती


चाटने की दुनिया में उतरने से पहले कुछ बुनियादी जरूरतों का ख्याल रखना पढता है | आपको अपनी शरीर की चमड़ी को गैंडे की चमड़ी के बराबर रखना पड़ेगा | दो कानों के बीच हवादार सुरंग का निर्माण करना होगा | अपनी जिहवा को मखन , तेल , घी से मालिस करना होगा | क्यूंकि बहुत सारे लोग आपको हिकारत की नज़रों से देखेंगे | पहले तो आपको आपका स्वाभिमान भी धिक्कारेगा | कुछ सामने से तो कुछ पीठ पीछे आपको ताने भी देंगे और आपको भला बुरा भी कहेंगे | वस्तुतः उनको आपकी अप्रत्याशित सफलता हजम नहीं होगी | इसके कारण कई हो सकते हैं जैसे ईर्ष्या,उनके पेट के अंदर नैतिकता के बैलून का अत्यधिक फूलना , आपसे स्पर्धा , उनकी पत्नी का आपकी पत्नी से ३६ का आँकड़ा इत्यादि इत्यादि | ये तमाम अरचन आएँगे | पर एक बार अगर आपने चाटने की कला सीख़ ली तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है |  

इस प्रक्रिया का दूसरा भाग आता है 'चटाना' | सामान्यता जिस इंसान को 'चाटा' जा रहा है वो ऊँचे ओहदे पर होता है | ऊँचे ओहदे पर होने के कारण बहुत कम लोगो से उसकी बातचीत होती है और वो अकेला हो जाता है | उसके नीचे काम करने वाले उससे भयाकुल रहते हैं और उससे बात करने से भी हिचकते हैं | यहाँ पर वो इंसान जिसने चाटने की कला सिख ली है , अपना सिक्का जमा लेता है | अपनी कला के बदौलत वो अपनी चिपचिपी बातों का जाल बुनता है और बॉस को फाँसता है | बॉस का भी एकांकी दूर हो जाता है और उसे अचानक अपने 'महान' होने का अभूतपूर्व एहसास हो जाता है | चाटने वाला इंसान इस बात को भलीभांति जानता है | अगर बॉस ने सड़ा हुआ सा भी मज़ाक किया तो वो उसे एहसास करा देगा की उसने मशहूर हाँस्य अभिनेता 'जॉनी वॉकर ' को पीछे छोड़ दिया है और बॉस के साथ कोई दुःख वाली बात घटित हो तो खुद 'रुदाली' बनने के लिए तैयार हो जाएगा | अगर बॉस ने मुँह धोया तो उसके लिए रूमाल लेकर खड़ा हो जाएगा | बॉस के पसंद नापसंद का पूरा ख्याल रखा जायेगा | बॉस के फरमाइस करने से पहले उस चींज को हाज़िर कर देगा जिस चीज के बारे में बॉस ने शायद सोचा ही हो | कई बार बॉस जिसको चाटा जा रहा है ख़ुद अचरज में पड़ जाता है की इतना ख्याल तो उसकी माँ या बीवी भी नहीं रखती | हिंदी गीत 'मैं दुःख तेरा ले लूँ , तू सुख मेरा ले ले ' यहाँ चरितार्थ हो जाता है

कुछ समय के बाद चट चट के बॉस खुद ही सफ़ाचट हो जाता है और चाटने वाला आदमी उससे भी आगे निकल जाता है | शायद ही कोई छेत्र हो जहाँ चाटने और चटाने की प्रक्रिया न चल रही हो | इस प्रक्रिया में काफ़ी स्पर्धा भी है और अपार अवसर भी हैं | तो भाईयों , 'चतनम शरणम् गच्छामि ' करें और आगे बढ़े

नोट- इस लेख को पढ़ते समय अपने ऑफिस या कार्यछेत्र के सबसे बड़े चाटने और चटने वाले व्यक्ति का समरण करें ,इससे लेख पढ़ने का दुगुना लाभ मिलेगा

कृत्य - कुणाल