Saturday, February 2, 2013

Awakening Sons of Bharat

शंखनाद 





सफेद चोले में  छिपाते हो कुक्र्मो कि कालिख
 
ईमान  बेचने  कि याद न होगी तुम्हे तारिख
 
शहिदो के लहू का अच्छा सिला दिया भरत पुत्रो ने
 
मा के दुध को तौल  दिया काले नोटो ने !!
 
सत्ता के शेष्नागो ने ऐसा उठाया विषैला लहर
 
अपनों  ने अपनों पे बर्पा दि लाठियो का कहर  !
 
कूल्वधू बन कर आयि वो नारि जिस  देश में
 
वहि कूल्हन्ता निकलि है होलिका के वेश में ।।
 
आप इन्सानो कि बात करते  है
 
हमने पुतलो को भी ताज पहनाया है
 
वोटो कि सिढि पर चलना सिखाया हमने
 
वहि रोन्द रहा है हमे सरे बजार में  !!

 
अब तो दुध के दान्त टूट गये भारत के लालो के
 
बहुत सहायि उडेल दि कोरे  कागजो पे !
 
इतिहास दोह्र्राने का समय है,नीव डालने  का
 
छू लो चरन सुभाष, भगत का,लगा लो नारा 'जय भारत' का !!
 
आज सोया इक्बाल जागे, बुझे दिन्कर कि लौ उठे
 
हर सीने कि धर्र्कन बढे, सिन्ह्भुम कि गर्ज्जन उठे !
 
नागिन का सर कुच्ल्ने परशुराम का परशु उठे
 
कुछ करो आज ऐसा कि 'मा भारती' का सर उठे!!
कृत कुणाल -